आज कुछ नहीं कहने को
आज इस ब्लॉग की शुरुआत
हो रही है। वैसे तो मेरे पास कहने को हमेशा कुछ न कुछ रहता ही है लेकिन आज कहने को
कुछ नहीं है। वैसे यह कहना कि कहने को कुछ नहीं है थोड़ा अजीब लगता है क्योंकि
लोगों के पास कहने को कुछ न कुछ रहता ही है। तो चलिए इस ब्लॉग की शुरुआत करते हैं
कुछ न कहते हुए।

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